Monday, December 21, 2009

इन्सिग्नीफिकेंट




दोस्ती
इन्सिग्नीफिकेंट

दोस्त
इन्सिग्नीफिकेंट

मौक़े
सिग्नीफिकेंट

परिणाम
सिग्नीफिकेंट.

16 comments:

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

दी ....बहुत सशक्त कविता.....

Amrendra Nath Tripathi said...

फिर भी टिप्पणियां '' सिग्नीफिकेंट '' !

rashmi ravija said...

woww...in 4 panktiyon me aapne dosti ka darshan samet ka rrakh diya...bahut khoob

Arvind Mishra said...

इन्सफीसियेंट

bijnior district said...

शानदार
बिजनौर के कवि हुक्का की तीन शब्द की कविता आपके लिए.
कविता का शीर्षक है प्रेम,विवाह ,परिणाम
तू
मै
तूमै
तू तू मै मै।

Udan Tashtari said...

bahut sahi.. :)

प्रज्ञा पांडेय said...

बधाई !कमाल की बात लिखी आपने ... सचमुच सब ऐसा ही हों रहा है .

डॉ महेश सिन्हा said...

दोस्ती
:)

दोस्त
:)

मौक़े
?

परिणाम
????

Alpana Verma said...

Waah!waah!

Himanshu Pandey said...

यह है कम शब्दों में सारी बाद ! कलाकारी है यह !

रचना का आभार ।

ताऊ रामपुरिया said...

सटीक परिभाषित किया.

रामराम.

रचना दीक्षित said...

सभी परिभाषाएं हर द्रष्टि से खरी उतरती हैं बधाइयाँ

dweepanter said...

बहुत ही सुंदर रचना है।
pls visit...
www.dweepanter.blogspot.com

sanjay vyas said...

संबंधों को अवसरों में रिड्यूस करने की प्रवृत्ति और इसके सच में बदलनें पर कम शब्दों में विराट कथन.

Anonymous said...

इन्सिग्नीफिकेंट..ki sahi aur satik paribhasha ! satv ki prapti ! bahut bahut aabhaar !

दिगम्बर नासवा said...

बहुत ही कमाल के शब्द ......... कुछ ही शब्दों का जादू ............

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