दरवाजे पर लगा देख
बहुत याद आया
आम का पेड़
जो हाल में कटा था.
(2) खिलौने बेचने वाले बच्चों ने ,
खिलौने खेलने वाले बच्चों से कहा,हैप्पी दीवाली.
(3) जग रंगा है रौशनी से,
दीवाली है,रौशनी की होली.
(4) प्लास्टिक के फूल,
प्लास्टिक के बन्दनवार,प्लास्टिक का स्वास्तिक,
प्लास्टिक के लक्ष्मी-पाँव,
प्लास्टिक का मन,
प्लास्टिक से सम्बन्ध.
(5) रात में माँ लक्ष्मी दबे पाँव आईं,
और बही-खातों में दबे सभी घोटाले कैंसिल कर दिए,अगले दिन देश के सब स्लम एरिया और
झोपडपट्टी अचानक गायब हो गए.
(6) ईश्वर आएँ
दलिद्दर भागे,हो शुभ दीवाली.
10 comments:
सुंदर एवं सार्थक क्षणिकाएं।
दीपावली की अशेष मंगल कामनाएं।
सबको दीवाली की बधाई..
लो जी फिर आ गया 'बाल दिवस' - ब्लॉग बुलेटिन बाल दिवस की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं स्वीकार करें ... आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
"खिलौने बेचने वाले बच्चों ने
खिलौने खेलने वाले बच्चों से कहा,
हैप्पी दीवाली."
बहुत ही सुन्दर
सादर
बहुत ही खूबसूरत कविताएं हैं मीनू जी।दिल को छूने वाली
रात में माँ लक्ष्मी दबे पाँव आईं, और बही-खातों में दबे सभी घोटाले कैंसिल कर दिए,
अगले दिन देश के सब स्लम एरिया और
झोपडपट्टी अचानक गायब हो गए.
हा ....हा ....हा .....
मीनू जी हैप्पी दिवाली : ....))
वाह मीनू जी....
खिलौने बेचने वाले बच्चों ने ,
खिलौने खेलने वाले बच्चों से कहा,
हैप्पी दीवाली.
अब सिलसिला बनाए रखिये...
आपकी नयी साथी हूँ :-)
अनु
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ... आशा है नया वर्ष न्याय वर्ष नव युग के रूप में जाना जायेगा।
ब्लॉग: गुलाबी कोंपलें - जाते रहना...
मीनू जी आपके ब्लाग पर आकर मुझे बहुत अच्छा लगा, अच्छी कविताओं से मुलाकात हुईा लेकिन आपने कभी बताया नहीं कि आपका ब्लाग है और उस पठनीय सामग्री हैा
bahut arthpoorna man ko kachotti hui shanikaaye... kabhi mere blog par aakar mujhe kritarth karein ..
मेरी नयी रचना Os ki boond: लव लैटर ...
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