Monday, December 27, 2010

बीत गया जो वर्ष




बीत गया जो वर्ष,विदा देने की बेला आई
नए वर्ष के स्वागत की अब बजने लगी बधाई.



क्या खोया क्या पाया इसका लिखने बैठी खाता
हर इक पल जो जैसा बीता याद हू-ब-हू आता,
शिकवे और शिकायत, रोना-हँसना, रिश्ता-नाता
कब क्या हुआ आज है जैसे वर्ष स्वयम बतलाता,
सुधि के मनकों को सहेज रखने की बेला आई
नव वर्ष के स्वागत की अब बजने लगी बधाई.



छोटे-छोटे यत्न जिन्होंने मन को दिया सहारा
खिली धूप के उन दिवसों में जब मन था अँधियारा,
कहने को जो अपने थे उन सबने किया किनारा
किसे बुलाती तुम्हे छोड़ कर मित्र तुम्हे ही पुकारा,
नेह-प्रेम के प्रति कृतज्ञता से आँखें भर आई
नव वर्ष के स्वागत की अब बजने लगी बधाई.



नए वर्ष में नए स्वप्न हों अंतर्मन में जोश नया
अभिलाषा के नव परिमल से परिपूरित परिवेश नया,
संकल्पों के नव किसलय हों सच्चे हों सम्बन्ध सदा
धीरज की सरिताओं के तट, हों अटूट तटबंध सदा,
खुशियों के अनुबन्ध आज लिखने की बेला आई
नव वर्ष के स्वागत की अब बजने लगी बधाई.

25 comments:

सदा said...

नए वर्ष में नए स्वप्न हों सम्बन्धों में जोश नया
अभिलाषा के नव परिमल से परिपूरित परिवेश सदा,

बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों के साथ अनुपम प्रस्‍तुति ।

रश्मि प्रभा... said...

yaadon ko aur aagat khushiyon ko badee khoobsurti se pesh kiya hai...

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही अच्छी कविता.आप को भी नव वर्ष की शुभ कामनाएं.

मेरे ब्लॉग पर
बदलता ज़माना
http://jomeramankahe.blogspot.com

सादर

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूबसूरत रचना ..नव वर्ष की शुभकामनायें

mridula pradhan said...

bahot sunder likhi hain aap.

सुशीला पुरी said...

lajawab !

राज भाटिय़ा said...

बहुत खुबसुरत कविता, धन्यवाद


एक नजर इधर भी...http://blogparivaar.blogspot.com/

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

सुंदर.

Dr (Miss) Sharad Singh said...

बहुत सुन्दर गीत .. आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

आने वाले वर्ष में हम दुनिया के लिए कुछ और सार्थक तथा सकारात्‍मक कर सकें, यही कामना है।

---------
अंधविश्‍वासी तथा मूर्ख में फर्क।
मासिक धर्म : एक कुदरती प्रक्रिया।

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

छोटे-छोटे यत्न जिन्होंने मन को दिया सहारा
खिली धूप के उन दिवसों में जब मन था अँधियारा,
कहने को जो अपने थे उन सबने किया किनारा
किसे बुलाती तुम्हे छोड़ कर मित्र तुम्हे ही पुकारा,
नेह-प्रेम के प्रति कृतज्ञता से आँखें भर आई
नव वर्ष के स्वागत की अब बजने लगी बधाई.

बहुत ही सुन्दर भाव !
नन्हें प्रेम के प्रयोग में नयापन और कोमलता है !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ

Arvind Mishra said...

नए वर्ष में नए स्वप्न हों अंतर्मन में जोश नया
अभिलाषा के नव परिमल से परिपूरित परिवेश नया
बिलकुल यही हो मीनू जी ..आपको सपरिवार नए वर्ष की मंगलमय कामनाएं !

प्रवीण पाण्डेय said...

बहुत अच्छी कविता, पढ़ कर आनन्द आ गया। आपको नये वर्ष की अतिशय बधाई।

shikha varshney said...

बहुत सुन्दर कविता है आपको नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें.
और ब्लॉग पर आकर शुभकामनायें देने का दिल से आभार.

केवल राम said...

संकल्पों के नव किसलय हों सच्चे हों सम्बन्ध सदा
धीरज की सरिताओं के तट, हों अटूट तटबंध सदा,
xxxxxxxxxxxxxxx
यह समय की आवश्यकता है , हमारे सम्बन्ध किसी भाई हालात में सच्चे होने चाहिए ...बहुत गजब की पंक्तियाँ पढ़कर आनंद आ गया

केवल राम said...

मन के भावों को बहुत संजीदगी से अभिव्यक्त किया है आपने इस कविता में ...शुक्रिया
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें ..स्वीकार करें

मुकेश कुमार सिन्हा said...

खुशियों के अनुबन्ध आज लिखने की बेला आई
नव वर्ष के स्वागत की अब बजने लगी बधाई.

meri bhi badhai manjoor karen!!

bahut bahut subhkamnaon ke saath

kabhi hamare blog pe dustak den..

Alpana Verma said...

'खुशियों के अनुबन्ध आज लिखने की बेला आई
नव वर्ष के स्वागत की अब बजने लगी बधाई.'
बेहद सुन्दर अभिव्यक्ति .

नववर्ष की मंगलकामनाओं के साथ .

सहज समाधि आश्रम said...

निसंदेह ।
यह एक प्रसंशनीय प्रस्तुति है ।

satguru-satykikhoj.blogspot.com

सुरेश शर्मा (कार्टूनिस्ट) said...

बहुत सुन्दर कविता है आपको नव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें.!

Alpana Verma said...

संकल्पों के नव किसलय हों सच्चे हों सम्बन्ध सदा
धीरज की सरिताओं के तट, हों अटूट तटबंध सदा,
__बेहद सुन्दर ख्याल!
अच्छी लगी कविता ............

****......नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ...****

Anonymous said...

खुबसूरत रचना ! नये साल की अनंत शुभकामनायें !

rajesh singh kshatri said...

HAPPY NEW YEAR 2011
WISH YOU & YOUR FAMILY,
ENJOY,
PEACE & PROSPEROUS
EVERY MOMENT SUCCESSFUL
IN YOUR LIFE.

दिगम्बर नासवा said...

जो बीत गया सो बीत गया ... आने वाला समय अच्छा होना चाहिए .....
आपको और परिवार में सभी को नव वर्ष मंगलमय हो ...

Meenu Khare said...

@केवल जी और अल्पना जी

संकल्पों के नव किसलय हों सच्चे हों सम्बन्ध सदा
धीरज की सरिताओं के तट, हों अटूट तटबंध सदा,
खुशियों के अनुबन्ध आज लिखने की बेला आई...


यूँ तो यह पूरा गीत मेरा है पर यह पंक्तियाँ मुझे बहुत पसंद थीं जिन्हें आपने भी पसंद किया.आपका बहुत आभार.

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