एक ब्रॉडकास्टर की डायरी, जहाँ आपकी आहटों के मुंतज़िर हैं हम...
जाने कैसी ग्रह स्तिथि रही होगी, जब आईं थी आप,कौन इस तरह का,नजरिया पाता होगा ..
क्या सकारात्मक सोच है ..बहुत खूब
क्यूट सा कुत्ता क्यूट सी कविता
@अरविन्द जी जी क्यूट सा कमेन्ट भी!धन्यवाद्.
सटीक बात कही, कमसे कम कुत्ता तो बफादारी का पर्याय है वरना तो यहाँ ...
सच में घटनाओं और अन्य चीज़ों को देखने का आपका अंदाज़ निराला होता है.
इंसान बड़ी अजीब चीज है । वफादार जन्तु के नाम को भी गाली बना देता है !!
बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
bahut pyari kavita ke liye vadhaai
क्या बात है ।
oho mera priya patra! उसने मुझे कुत्ता कहा सबके सामने चिल्ला कर बीच सड़क पर.मेरी वफ़ादारी की घोषणा पूरी दुनिया के सामने करना चाहता होगा...please come at my blog--mein bhi kuchh aisa hi kyal ka hoon...khoob ghuzaregi jo mil baithainge deevane dooooo..
बहुत खूब ... नज़रिया है एक ये भी ....
यह नज़रिय भी अच्छा है
बहुत सही !!
meenu ji bahut dino baad aap mere blog par aai achha laga. itni chhoti si kavita se kitni badi baat kah gai aap.kammaal hai. poonam
हर बार प्रविष्टियां यूं ही नया देती हैं ।सूक्ति-परक ढंग लुभाता है । आभार ।
ज़बरदस्त अभिव्यक्ति है... कुत्ते की एक आदत हमारे अन्दर भी है... जहाँ पर भी बैठतें हैं पहले साफ़ कर लेते हैं...हाँ वफ़ादारी का अभी तक हमें कोई तमगा नहीं मिला.
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17 comments:
जाने कैसी ग्रह स्तिथि रही होगी,
जब आईं थी आप,
कौन इस तरह का,
नजरिया पाता होगा ..
क्या सकारात्मक सोच है ..बहुत खूब
क्यूट सा कुत्ता क्यूट सी कविता
@अरविन्द जी
जी क्यूट सा कमेन्ट भी!धन्यवाद्.
सटीक बात कही, कमसे कम कुत्ता तो बफादारी का पर्याय है वरना तो यहाँ ...
सच में घटनाओं और अन्य चीज़ों को देखने का आपका अंदाज़ निराला होता है.
इंसान बड़ी अजीब चीज है । वफादार जन्तु के नाम को भी गाली बना देता है !!
बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
bahut pyari kavita ke liye vadhaai
क्या बात है ।
oho mera priya patra!
उसने मुझे कुत्ता कहा सबके सामने चिल्ला कर बीच सड़क पर.
मेरी वफ़ादारी की घोषणा पूरी दुनिया के सामने करना चाहता होगा...
please come at my blog--
mein bhi kuchh aisa hi kyal ka hoon...
khoob ghuzaregi jo mil baithainge deevane dooooo..
बहुत खूब ... नज़रिया है एक ये भी ....
यह नज़रिय भी अच्छा है
बहुत सही !!
meenu ji bahut dino baad aap mere blog par aai achha laga.
itni chhoti si kavita se kitni badi baat kah gai aap.
kammaal hai.
poonam
हर बार प्रविष्टियां यूं ही नया देती हैं ।
सूक्ति-परक ढंग लुभाता है ।
आभार ।
ज़बरदस्त अभिव्यक्ति है... कुत्ते की एक आदत हमारे अन्दर भी है... जहाँ पर भी बैठतें हैं पहले साफ़ कर लेते हैं...हाँ वफ़ादारी का अभी तक हमें कोई तमगा नहीं मिला.
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