Sunday, February 14, 2010

प्यार का वायरस





(वैलेंटाइन-डे पर विशेष)


तुम्हारे प्यार के वायरस
के अटैक से
सुनहला ज़ुकाम हो गया है
मेरे मन को


और

बार-बार आने वाली
मेरी छींकों की आवाज़ से
गूँजने लगी है दुनिया
सच कहते है न
प्यार छुपाए नहीं छुपता!!!

24 comments:

डॉ. मनोज मिश्र said...

, प्यार छुपाए नहीं छुपता..
वाह..,सुंदर.

विवेक रस्तोगी said...

प्यार का वायरस जबरदस्त होता है, इसलिए तो छुपाए नहीं छिपता।

M VERMA said...

वाकई प्यार छुपाये नही छुपता
और फिर छीकें आने लगती हैं

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

यह तो फ्लू है. भगवान बचाये. मैं तो पहले ही वैक्सीनेशन करा चुका हूं.

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

बार-बार आने वाली
मेरी छींकों की आवाज़ से
गूँजने लगी है दुनिया
सच कहते है न
प्यार छुपाए नहीं छुपता!!


बिल कुल सही कहा दी..... आपने.... प्यार छुपाये नहीं छुपता....

दिगम्बर नासवा said...

वाह ... वेलेंटाइन डे पर क्या कमाल का लिखा है .... वाकई प्यार छिप नही पाता ......

रचना दीक्षित said...

वाह मीनू जी वाह आज असली मज़ा आया है.इसके पहले की इस वायरस को औन्धे मुंह गिराने के लिए कोई टीका विकसित हो जरा जल्दी जल्दी इस वायरस की प्रतियाँ फैला दो. चलो आज के दिन हम मिल कर कुछ अच्छा करें और भगवान से मनाएं की भगवान करे सारे ज़माने को ही जुकाम हो जाए !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

आह! सर्दियां आईं नहीं कि चारों तरफ बस प्यार ही प्यार (फैल जाता है, हर रूमाल में)

Arvind Mishra said...

ओह तो यह संक्रमण आपका फैलाया हुआ है ?

surya goyal said...

चंद पंक्तिया ही लिखी है लेकिन दिल के भावो की जिस तरीके से आपने प्रस्तुत किया है वो काबिले तारीफ है. मेरी बधाई स्वीकार करे. हम दोनों में फर्क मात्र इतना है की आप अपने दिल के भावो को शब्दों में पिरो कर कविता लिखती है औरमैं उन्ही भावो से गुफ्तगू करता हूँ. आपका भी मेरी गुफ्तगू में स्वागत है.
www.gooftgu.blogspot.com

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

हा हा हा ....बहुत बढ़िया.....एंटी वायरस की खोज शुरू हो जायेगी....

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत ही सुंदर.

रामराम.

मनोज कुमार said...

ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो,
फसले कम रखो दिल मिलाते रहो।
छींक कैसी भी हो ग़म ना करो,
एक सितारा बनो और जगमगाते रहो।

सुशीला पुरी said...

मान गये मीनू जी ! तुसी ग्रेट हो !!!!! आपकी इस खुबसूरत कविता के जवाब में मेरी एक कविता -----
'आसमान में
चाँद है ,तारे हैं
और मै भी अब
धरती पर नही हूँ .'
-------------------------हार्दिक बधाई .

Himanshu Pandey said...

बिलकुल नये रूपकों से गढ़ी गयी कविता ।
शानदार ।

डॉ महेश सिन्हा said...

वाइरस तो खतरनाक भी हो सकता है क्योंकि यह बहुत जल्दी अपने गुण धर्म बदल लेता है

Mithilesh dubey said...

hmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm बहुत खूब.............

रंजू भाटिया said...

सही कहा प्यार कब छिपा है छिपाने से ..बेहतरीन शुक्रिया

वन्दना अवस्थी दुबे said...

बार-बार आने वाली
मेरी छींकों की आवाज़ से
गूँजने लगी है दुनिया
सच कहते है न
प्यार छुपाए नहीं छुपता!!!
बहुत सुन्दर. प्यार का क्या अन्दाज़ है!!

ओम आर्य said...

एक दम अनोखा...मजा आ गया मीनू जी..

mukti said...

बाप रे बाप! दूर से टिप्पणी पोस्ट कर रही हूँ. की-बोर्ड को हाथ नहीं लगाया. रुमाल रखकर टाइप कर रही हूँ. कहीं ये संक्रमण हमें न हो जाये.

Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय) said...

he he pyar ka virus.. kya baat hai :)

पूनम श्रीवास्तव said...

कम शब्दों में प्यारी अभिव्यक्ति---। पूनम

Anonymous said...

अरे मीनू जी ! प्यार का जुकाम तो सर चढ़ के बोलता है खुदा खैर करे!

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