Wednesday, January 26, 2011

पूछने हैं तुमसे कुछ सवाल दोस्तों

(गणतन्त्र-दिवस पर)





पूछने हैं तुमसे कुछ सवाल दोस्तों,
हाथ रख के दिल पे दो जवाब दोस्तों.
गणतन्त्र की विजय का जो मना रहे हो जश्न,
जन गण के मन का सच में है क्या हाल दोस्तों?

कहने को तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक
अपनी जमीन, अपना आसमान दोस्तों,
फिर सरजमीं पे अपनी ही लहराने के लिए
बेबस है क्यों तिरंगा, क्या विधान दोस्तों?

यह ध्वज प्रतीक अपनी आन,बान,शान का
ये है प्रतीक माँ भारती के मान का,
वो कौन है जो गर्व को गिरवी बना रहे
उनको सजा क्या देगा संविधान दोस्तों?

हिन्दोस्तां वतन है हिन्दुस्तानी हम सभी
हर स्वार्थ छोड़ उठ खड़े हो साथ हम सभी
लहराएगा तिरंगा हर चौक पर सदा
देनी पड़े या लेनी पड़े जान दोस्तों.

Saturday, January 08, 2011

ठंड : कुछ शब्द-चित्र

जनवरी







जनवरी -
नववर्ष
नूतन हर्ष
ठंड का उत्कर्ष
कोमल त्वचा पर शीतलहरी का स्पर्श
जलते अलाव
ठंड से संघर्ष
टूटते विश्वास
कम्बल की आस
कहीं जेब में गर्मी
कहीं पेट में जलती आग की गर्मी
विरोधाभासों का चरमोत्कर्ष.
दफ्तर,कुर्सियाँ,योजनाएँ
फाइलों में विमर्श
कुछ परामर्श
बहुत संघर्ष.
फिर भी
सहर्ष
शुभकामनाएँ
नूतन नववर्ष.



(2)

कुहासा



कुहासा-
कुछ वातावरण में
उससे ज्यादा सम्बन्धों में...
कोई रजाई, कम्बल ओढ़ कर भी न सो पाया
कोई
कुहासे की चादर तान कर
सारी रात
भरपूर सोया.

(3)


थरथराता सूर्य






ठिठुरती सुबह
कुहासे में छुपे
थरथराते सूर्य को
बर्फीले पानी का अर्घ्य,
बुदबुदाते होठों से
भाप बन कर निकलते मंत्र...

माचिस की तीली
भर आग
केतली में खौलती चाय ने
भरपूर ऊष्मा प्रदान की
हर एक को.


सूर्य
आलस छोड़ कर
आसमान में निकल आया,
धूप निकल आई
और
दिन जगमगाता रहा.

Tuesday, January 04, 2011

Who says Maths is easy?


[Courtesy: Funzu.com]



साथियों यह पोस्ट मेरी नही है ना ही मैंने यह अपने ब्लॉग पर लगाई है.अभी अभी मेल बॉक्स में आप लोगों के कमेंट्स देखा तो इस पोस्ट के बारे में पता चला.मैंने सोचा की हैकिंग का कोई चक्कर हो गया है.पर तभी मेरी फ्रेंड का बेटा जो मेरे घर आया था, लगातार हँसने लगा.काफी पूछताछ के बाद पता चला की यह हरकत उन महाशय की है.मेरा लैपटॉप ऑन देख कर उन्हें एक पोस्ट पब्लिश करने की सूझी और मेरे हिंदी ब्लॉग पर उन्होंने यह अंग्रेजी पोस्ट छाप दी.गुस्सा भी आया .मेरी फ्रेंड बहुत नाराज़ भी हुई उस पर.पर बेटा इतनी मासूमियत से सब सुनता रहा फिर बोला मुझे मैथ्स अच्छी नही लगती इसीसे मैंने यह किया. मुझे बहुत तरस आई.सोचा की पोस्ट डिलीट कर दूँ पर फिर लगा की एक बच्चा मैथ्स से इस कदर डरता है तो यह हम सब अभिभावक और शिक्षकों के सोचने का विषय है जिस पर हमारा चिंतन और कार्यवाही वांछित है.मैं बच्चे द्वारा पब्लिश इस पोस्ट को डिलीट नही कर रही.आप सबके कमेंट्स का इंतज़ार रहेगा....

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