Friday, February 28, 2014
वसन्त पर कुछ हाइकु कवितायें
(1) वसन्त क्या है?
झूलती मंजरी की
बौराई पेंगें....
(2) कडी ठंड से
बेघरों को बचाने
वसन्त आया.
(3) ढोल की थाप
मधुमास में गूँजे
फाग ही फाग.
(4) कोयल गाए
पलाश की बाहों में
राग वसन्त.
(5) टेसू-पलाश
वसन्त है लगाए
नसों में आग.
(6) तेरा दीदार
मधुमास ने तोड़ी
हर दीवार.
(7) खून की होली
रँगा वसन्त भी
लाल रंग में.
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