उल्लास: मीनू खरे का ब्लॉग

एक ब्रॉडकास्टर की डायरी, जहाँ आपकी आहटों के मुंतज़िर हैं हम...

Monday, May 04, 2020

‘हाइकु गंगा समूह की ऑनलाइन हाइगा कार्यशाला’

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विश्व श्रमिक दिवस के अवसर पर हाइकु-गंगा समूह द्वारा दिनांक 1-05-2020 को आयोजित प्रथम हाइगा कार्यशाला ने जहाँ एक ओर लॉकडाउन की नीरसता को ऑ...
Thursday, October 26, 2017

दीपक अभी अभी जले हैं

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गुलाबी ठंड   सुरमयी शाम का वक़्त दीपक बस अभी अभी जले हैं फ़िज़ाओं में फैली अजब सी कैफ़ियत   रूमानियत और सिहरन...
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Wednesday, July 12, 2017

अमरनाथ हमला: कुछ हाइकु

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(1)  ट्रिगर दबे हरे से लाल हुआ फिर सावन। (2) किसने किया? रक्त से अभिषेक आशुतोष का. (3) खूनी बौछार ...
6 comments:
Monday, July 10, 2017

कुछ हाइकु सावन के नाम

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            (१) सावन आया जग का हलाहल पी लेंगे शिव| (2) है सूनापन और भी गहराया माहे सावन| (३) तुम न आए उदास था गुलाब रो पड़...
2 comments:
Friday, February 28, 2014

वसन्त पर कुछ हाइकु कवितायें

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(1) वसन्त क्या है? झूलती मंजरी की बौराई पेंगें.... (2) कडी ठंड से बेघरों क...
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मेरा परिचय

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Meenu Khare
रूह से जिस्म का रिश्ता भी अजब होता है...... उम्र भर साथ रहे और तअर्रूफ़ न हुआ.
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