अपने बिल्कुल खाली पर्स में उगे
पैसों के
इक पेड़ की छाँव में,
चॉकलेट का एक पौधा लगाना चाहती हूँ मैं
अपने बच्चे के लिए.
जिसकी पत्तियाँ टॉफ़ी की हों
और
जिस पर बिस्किट के फल उगें..
जिसकी छाल बेशक़ीमती कपड़ों की हो
तो फूल हों
सुन्दर खिलौनों से..
और फूलों की महक हो
बेहतरीन लज़ीज़ व्यंजनों की महक से मिलती
और जिसके बीज
एक ऐसा नया पेड़
उगा सकने में सक्षम हों
कि
उसकी जड़ पीस कर
अपने बच्चे को यदि पिलाऊँ मै
तो मेरा बच्चा
फिर कभी ज़िद्द न करे मुझसे
चॉकलेट,टॉफ़ी, बिस्किट, खिलौने और नए कपड़े
खरीद कर देने की.
39 comments:
सार्थक कल्पना है मीनू जी।
बङा अच्छा होता अगर ऐसा हो जाता, मुझे भी चाँकलेट बहत पसन्द है,,,,,,,,,,,,,,
एक जादुई दुनिया मे लेकर गया आपका पर्स मे उगा पैसो का पेड...............खुबसूरत रचना!
अच्छी भावपूर्ण सोच .धन्यवाद.
तभी कहती हूँ कि चाहे कल्पनाओं के पर नहीं होते फिर भी वो इतनी ऊँवी उडान भर लेते हैं जहाँ तक इन्सान सोच भी नहीं सकता वाह सुन्दर अभिव्यक्ति है बधाई
वाह! मिनी कल्पवृक्ष !
आपकी कल्पना साकार हो. इस सुन्दर कविता के लिए धन्यवाद मीनू जी.
बेहतरीन
तारे जमीन पर
एक दिन रूपयों के पेड़ बोऊंगा, जाने किस कवि की कविता थी। बचपन में कभी पढ़ी थी, बरबस याद आ गई।
चॉकलेट और टाफियों से दाँत खराब हो जाते हैं।
लेकिन ऐसी भी क्या जिद बच्चा तो बच्चा है...
बेटा
आसमान माँगेगा
(बेटा आसमान नहीं
पोकमैन वाला खिलौना चाहता है
और उसके सपनों में परियाँ नहीं आतीं)
बेटी
गुड़िए के लिए नवलखा हार माँगेगी
(बच्चियाँ अब गुड़ियों से नहीं खेलतीं, क्यों?
हम माँ बाप कैसी छाँव सजा बैठे !)
...
बचपन की सोंधी ऊष्मा
जवानी की आग सब सहेजनी होती है
सँभालनी होती है - माँ बाप को।
यहाँ बच्चे 18 साल के होने पर अलग नहीं होते
माँ बाप के लिए वे हमेशा बच्चे रहते हैं।
..
नहीं ऐसा पेंड़ नहीं उगेगा।
बच्चे ज़िद करते रहेंगे।
चॉकलेट और टॉफियों के लिए...
जरा बताइए तो
कितनों के बचपन के खराब हुए दाँत
बड़े होने पर भी खराब रह गए।
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बहक गया शायद।
kya likha madam aapne...
kya wo chocolate mujhe mil sakti hai!!
मध्यमवर्गीय बेबसी को दर्शाती सार्थक रचना
मीनू जी..ब्लोग पर प्रतिक्रिया दे कर मुझ जैसे नवोदित ब्लोगर का हौसला बढाने के लिये हार्दिक धन्यवाद..उम्मीद है आगे भी रचनात्मक सुझाव मिलते रहेंगे..
..आपकी इस कविता मे भारत के न जाने कितने बच्चों की कल्पना और न जाने कितनी माँओ की व्यथा छिपी है..दिल को छू लेने वाली रचना के लिये दिल से बधाई!
जबरदस्त!!
Aapki kalpanaa ko salaam kartee hoon.
( Treasurer-S. T. )
अद्भुत...... आपने एक कामकाजी मां की सोच को विस्तार दिया है
Bahut sarthak kavita hai , Bachpan me padhi Pantji ki kavita yad aagai" Maine Bachman me Paise boye the)
Baccho ki har jid ( ICHCHHA, SAPNE) pure karne ka khwab har ma dekhti hai. Lekin Khali pars , Khali Batua baccho ki jid ke hisab se bahut chhota ho jata hai. Kash har ma ki pars me apne bachhe ki har jid puri karne ki takat hoti, to yah duniya kabhi itni sooni na hoti.
अद्भुत कल्पना.....वैसे क्रेडिट कार्ड से ये कल्पना साकार हो सकती है:)
Kalpnao ki duniya mein leker aa gay hai aap apne padne vaalo ko.... behad sunder si najuk si kalpana....kash aisa ho pata....
बहुत सुंदर भाव. अच्छी कविता.
badi achhi kalpana hai......
वाह क्या कल्पना कि है..
खिलोनों की बात करते करते आप ने जो गंभीरता ओढ़ ली वो काबिले तारीफ़ है ...
सच कहूं....!स्वप्नलोक मेम ले गयीं आप । बेहतरीन..! आभार ।
SAARTHAK ......... BAHOOT BHI GAHRAI SE LIKHTI HAIN AAP .... AAPKI KALPANA SHAKTI BAHOOT HI VISTRAT HAI TABHI ITNI SUNDAR ..... SAARTHAK RACHNAAYE NIKALTI HAIN AAPKI KALAM SE ........ BAHOOT BAHOOT BADHAAI AAPKO IS RACHNA KE LIYE .... AAJ KI PADHI KAVITAAON MEIN SABSE UTAAM KRITI .......
fantacy ki khoobsurat duniya me le gyee apki rachna...khoobsurat bhav...
चाकलेट का पेड़ ...............बहुत सारी संभावनाओं सपनों को समेटे .
उम्दा कल्पना है आपकी
टाफ़ी के पेड पर बिस्किट के फल ---
बहुत खूब
मीनू जी ,
बच्चो न की मांग और उनके मनोभावों का अच्छा चित्रण.
पूनम
कविता में कल्पनाये क्या गजब ढाती हैं !
बडी प्यारी रचना है !
मीनू जी मेरे सुने ब्लॉग पर भी कभी आइये !
kya kahoon ab is shaandaar rachna ke baare mein........?????? aapne to speechless kar diya......
ek jaadui rachna........ kalpna ki anoothi udan......
काश ऐसा ही जादुई पर्स हो मेरा भी ...पोधों से टपकें चोकलेट और टॉफी ...सदा ही महके आपका ये कल्पवृक्ष ....यही कामना है हमारी
बच्चों को लेकर लिखी गयी एक बेहतरीन कविता-------हार्दिक बधाई।
हेमन्त कुमार
kash aisa ho jaaye saare problem solve ho jaayenge ji..
beshak kalpana hai lekin jeewan ki vidambnaaon ko bahut acche tareeke se shabd diya hai aapne.
सुंदर भावाभिव्यक्ति।
Think Scientific Act Scientific
Sundar bhav
चर्चा
आपको आपका जन्मदिन मुबारक
Came to know thru one blog named as janmdin.blogspot.com...... dat today is ur birthday......... So,........ HAPPY BIRTHDAY to you......... Wishing u a very happy birthday to u........ May dis day brings joy n happiness in ur life.....
Regards.........
जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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