






जगत जननी जगदम्बा के नौ रूप:
1. शैलपुत्री 2. ब्रह्मचारिणी 3. चन्द्रघण्टा 4. कूष्मांडा 5. स्कन्दमाता 6. कात्यायनी 7. कालरात्रि 8. महागौरी 9. सिद्धिदात्री।
माँ दुर्गा के नवरूपों की उपासना के मंत्र
1. शैलपुत्री
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम् ।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥
2. ब्रह्मचारिणी
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू ।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ॥
3. चन्द्रघण्टा
पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता ।
प्रसादं तनुते मह्यां चन्द्रघण्टेति विश्रुता ॥
4. कूष्मांडा
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च ।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
5. स्कन्दमाता
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया ।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ॥
6. कात्यायनी
चन्द्रहासोज्वलकरा शार्दूलवरवाहना ।
कात्यायनी शुभं दघाद्देवी दानवघातिनी ॥
7. कालरात्रि
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता ।
लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी ॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा ।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी ॥
8. महागौरी
श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः ।
महागौरी शुभं दघान्महादेवप्रमोददा ॥
9. सिद्धिदात्री
सिद्धगन्धर्वयक्षाघैरसुरैरमरैरपि ।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ॥
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteजय जय हे महिषासुर मर्दिनी
रम्यकपर्दिनी शैलसुते!
देवी मां के रुप और उनके मंत्र बताने के लिये आभार. नवरात्र एवम गुडी पडवा की हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत आभार आपका!!
ReplyDeleteआप को नव विक्रम सम्वत्सर-२०६७ और चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ .....
भव्य और अनिर्वचनीय -
ReplyDeleteमीनू जी नौ रूप माँ के इतने भव्य और अलौकिक हैं की मन भावों से विह्वल हों गया . आपको बहुत बधाई नवरात्रों की .
ReplyDeleteबढ़िया पोस्ट
ReplyDeleteसर्व मंगल मंगले शिवे सर्वार्थ साधिके ......,मीनू जी ''माँ '' के कल्याणकारी नव रूपों का दर्शन हम सबके जीवन मे उल्लास लाये यही मंगल प्रार्थना है .
ReplyDeleteमां के नवों रूपों का दर्शन कराने के लिये आभार--नवरात्र की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteजय माता की
ReplyDeleteJAY MATA KI
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