Sunday, February 14, 2010

प्यार का वायरस





(वैलेंटाइन-डे पर विशेष)


तुम्हारे प्यार के वायरस
के अटैक से
सुनहला ज़ुकाम हो गया है
मेरे मन को


और

बार-बार आने वाली
मेरी छींकों की आवाज़ से
गूँजने लगी है दुनिया
सच कहते है न
प्यार छुपाए नहीं छुपता!!!

24 comments:

  1. , प्यार छुपाए नहीं छुपता..
    वाह..,सुंदर.

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  2. प्यार का वायरस जबरदस्त होता है, इसलिए तो छुपाए नहीं छिपता।

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  3. वाकई प्यार छुपाये नही छुपता
    और फिर छीकें आने लगती हैं

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  4. यह तो फ्लू है. भगवान बचाये. मैं तो पहले ही वैक्सीनेशन करा चुका हूं.

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  5. बार-बार आने वाली
    मेरी छींकों की आवाज़ से
    गूँजने लगी है दुनिया
    सच कहते है न
    प्यार छुपाए नहीं छुपता!!


    बिल कुल सही कहा दी..... आपने.... प्यार छुपाये नहीं छुपता....

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  6. वाह ... वेलेंटाइन डे पर क्या कमाल का लिखा है .... वाकई प्यार छिप नही पाता ......

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  7. वाह मीनू जी वाह आज असली मज़ा आया है.इसके पहले की इस वायरस को औन्धे मुंह गिराने के लिए कोई टीका विकसित हो जरा जल्दी जल्दी इस वायरस की प्रतियाँ फैला दो. चलो आज के दिन हम मिल कर कुछ अच्छा करें और भगवान से मनाएं की भगवान करे सारे ज़माने को ही जुकाम हो जाए !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

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  8. आह! सर्दियां आईं नहीं कि चारों तरफ बस प्यार ही प्यार (फैल जाता है, हर रूमाल में)

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  9. ओह तो यह संक्रमण आपका फैलाया हुआ है ?

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  10. चंद पंक्तिया ही लिखी है लेकिन दिल के भावो की जिस तरीके से आपने प्रस्तुत किया है वो काबिले तारीफ है. मेरी बधाई स्वीकार करे. हम दोनों में फर्क मात्र इतना है की आप अपने दिल के भावो को शब्दों में पिरो कर कविता लिखती है औरमैं उन्ही भावो से गुफ्तगू करता हूँ. आपका भी मेरी गुफ्तगू में स्वागत है.
    www.gooftgu.blogspot.com

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  11. हा हा हा ....बहुत बढ़िया.....एंटी वायरस की खोज शुरू हो जायेगी....

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  12. बहुत ही सुंदर.

    रामराम.

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  13. ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो,
    फसले कम रखो दिल मिलाते रहो।
    छींक कैसी भी हो ग़म ना करो,
    एक सितारा बनो और जगमगाते रहो।

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  14. मान गये मीनू जी ! तुसी ग्रेट हो !!!!! आपकी इस खुबसूरत कविता के जवाब में मेरी एक कविता -----
    'आसमान में
    चाँद है ,तारे हैं
    और मै भी अब
    धरती पर नही हूँ .'
    -------------------------हार्दिक बधाई .

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  15. बिलकुल नये रूपकों से गढ़ी गयी कविता ।
    शानदार ।

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  16. वाइरस तो खतरनाक भी हो सकता है क्योंकि यह बहुत जल्दी अपने गुण धर्म बदल लेता है

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  17. hmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm बहुत खूब.............

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  18. सही कहा प्यार कब छिपा है छिपाने से ..बेहतरीन शुक्रिया

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  19. बार-बार आने वाली
    मेरी छींकों की आवाज़ से
    गूँजने लगी है दुनिया
    सच कहते है न
    प्यार छुपाए नहीं छुपता!!!
    बहुत सुन्दर. प्यार का क्या अन्दाज़ है!!

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  20. एक दम अनोखा...मजा आ गया मीनू जी..

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  21. बाप रे बाप! दूर से टिप्पणी पोस्ट कर रही हूँ. की-बोर्ड को हाथ नहीं लगाया. रुमाल रखकर टाइप कर रही हूँ. कहीं ये संक्रमण हमें न हो जाये.

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  22. कम शब्दों में प्यारी अभिव्यक्ति---। पूनम

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  23. अरे मीनू जी ! प्यार का जुकाम तो सर चढ़ के बोलता है खुदा खैर करे!

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धन्यवाद आपकी टिप्पणियों का...आगे भी हमें इंतज़ार रहेगा ...