Tuesday, July 28, 2009

कामकाजी महिला

कामकाजी महिला,

अपेक्षा और उलाहने के

दो सिरों के बीच

निरंतर पेंग भरता एक झूला...



जिसको दोनो सिरों पर

ठोकर मिलती है,

झूले की रफ्तार

कुछ और बढाने के लिए .

Sunday, July 26, 2009

उदासी

उदासी,

मेरी आँखों के ड्राइंग रूम में

बड़े इत्मिनान से बैठी थी

पलकों के सोफा सेट पर,



तुम्हारा फोन आया

और उदासी

शर्म से ज़मीन में गड़ गयी.

Wednesday, July 22, 2009

नाभिकीय ऊर्जा

नाभिकीय ऊर्जा



सुना है

नाभिकीय ऊर्जा की तकनीक से

सिर्फ एक चम्मच यूरेनियम से

चल सकेगी इक कार

सारी उम्र.



सच सच बताना

जो दर्द तुमने

मुझको दिया है,

उसे मुझे देने से पहले

क्या नाभिकीय ऊर्जा में बदल लिया था ?

Monday, July 20, 2009

माँ का ख़त

माँ का ख़त

कल रात

इक ख़त को खोलते ही

बत्ती चली गयी ...


माँ वो ख़त

तुम्हारा ही है न ?


अँधेरे में मैंने

अक्षरों को सहला कर देखा था

बड़े मुलायम थे हर्फ़ .

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